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रविवार, 25 दिसंबर 2011

अभिन्दन नव वर्ष तुम्हारा

           नए वर्ष की असीम शुभकामनायें
                            उम्मीदों के द्वार सजे हैं ,
                            संभावनाओं की राह नई है ,,
                            धवल किरण धर आलोकित हो ,
                            अभिनन्दन नववर्ष तुम्हारा |
                            आशा-यें मन की हों पूरी ,
                            पूरे हों  कुछ स्वप्न अधूरे ,
                            नवल पुंज से परिपूरित हो ,,
                            अभिनन्दन नववर्ष तुम्हारा |
                            साहस  हो जीवन का फिर से ,
                            खुशहाल हो हर नाता फिर से ,
                             हर शाखा पर पुष्प धरें हो ,,
                             अभिनन्दन नववर्ष तुम्हारा ||
                             बचपन का क्रंदन अब न हो ,
                             शोषण ,भूख , आर्तनाद न हो ,
                             परिमल पुष्प खिलें हों पथ में ,,
                              अभिनन्दन नववर्ष तुम्हारा ||
                              हर जाये तम ,शंखनांद हो ,
                              भिक्षुक को भी अंश प्राप्त हो ,
                             मानवता की असीम आसीस धर ,,
                              अभिनन्दन नववर्ष तुम्हारा ||        

14 टिप्‍पणियां:

धीरेन्द्र सिंह भदौरिया ने कहा…

नए वर्ष की दस्तक देती सुंदर रचना,....नए साल की शुभ कामनाए..

मेरे नए पोस्ट के लिए--"काव्यान्जलि"--"बेटी और पेड़"--में click करे

ऋता शेखर 'मधु' ने कहा…

बहुजन हिताय पर आधारित ये कविता बहुत सार्थक है|
नव वर्ष मंगलमय हो!!!

रमेश शर्मा ने कहा…

पूरे हों कुछ स्वप्न अधूरे ,
नवल पुंज से परिपूरित हो ,
अभिनन्दन नववर्ष तुम्हारा..
वर्ष 2012 आलोकित हो , अभिनन्दन...

Sunil Kumar ने कहा…

भिक्षुक को भी अंश प्राप्त हो ,
मानवता की असीम आसीस धर ,,
अभिनन्दन नववर्ष तुम्हारा |
बहुत सुंदर भाव बधाई

virendra sharma ने कहा…

सुन्दर भाव लिए है यह रचना .मंगल मय हो वर्ष तुम्हारा .

Rakesh Kumar ने कहा…

सुन्दर मनमोहक प्रस्तुति है आपकी.
अनुपम भाव संयोजन किया है आपने.

आनेवाले नववर्ष की हार्दिक शुभकामनाएँ.

मेरे ब्लॉग पर आपका स्वागत है.

अरुण कुमार निगम (mitanigoth2.blogspot.com) ने कहा…

नूतन वर्षाभिनंदन पर सुंदर गीत.

dinesh aggarwal ने कहा…

नये वर्ष के नये दिवस पर आपका भी शत-शत अभिनन्दन।
अन्ना के संग हम सब हो लें,तभी क्रांति की चले प्रभंजन।।
चेतो अरे भ्रष्ट नेताओ,
हमे न अब बेवकूफ बनाओ।
नेताओं को सबक सिखाना,
जागो प्यारे मतदाताओ।।
खुशहाली हो सुबह सुनहरी,बने देश यह भारत कंचन।
नयेवर्ष के नये दिवस पर....................

dinesh aggarwal ने कहा…

नये वर्ष के नये दिवस पर आपका भी शत-शत अभिनन्दन।
अन्ना के संग हम सब हो लें,तभी क्रांति की चले प्रभंजन।।
चेतो अरे भ्रष्ट नेताओ,
हमे न अब बेवकूफ बनाओ।
नेताओं को सबक सिखाना,
जागो प्यारे मतदाताओ।।
खुशहाली हो सुबह सुनहरी,बने देश यह भारत कंचन।
नयेवर्ष के नये दिवस पर....................

ASHOK BIRLA ने कहा…

अभिनन्दन नववर्ष me aapka bhi ...bilkul har lamha utsuk hai aur josh se bhara hua ...

Unknown ने कहा…

नये वर्ष के नये दिवस पर आपका भी शत-शत अभिनन्दन।

Sadhana Vaid ने कहा…

निश्छल, निर्मल शुभेच्छों के साथ बहुत सुन्दर रचना संगीता ! नव वर्ष की आपको भी सपरिवार ढेर सारी शुभकामनायें !

sangita ने कहा…

Thanx to all of you.

***Punam*** ने कहा…

नए वर्ष की असीम शुभकामनायें .................

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