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शुक्रवार, 2 नवंबर 2012

त्रासदी आजादी की

                                      

  • गहन वेदना त्याग तपस्या एवम अनगिनत आहुतियों पश्चात् आजादी का जन्म हुआ,, 
  • जयघोष का आल्हादित और प्रफुल्लित नारों से आसमान गूंज उठा , 
  • आज उम्र है पैंसठ की और गाथा क्या कहूँ, 
  •  अनुभवों की झुर्रियों में छिपी है छले जाने की पीड़ा,
  •      रोज सुबह का सूरज मेरे सोये मन में नई आशा जगा जाता है ,
  •      पंछी के कलरव गीत नए बन जाते हैं ,पर .......
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  • भूखा बचपन, बिकती कन्या ,और सिसकती तरुणाई है  ,
  • ये कैसी है नई सुबह, और ये कैसी संचार है :::::::::
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  •        वर्तमान के विकट  स्वरूप में दुराचार की आंधी है,,
  •        शास्वत मूल्यों की तिलांजलि है , नेताओं की चांदी है:::::::::
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