आज फिर हसरतों ने दिल में समाने की कोशिश की है :::::::
आज फिर पीर ने सागर सी गहरे में उतर जाने की कोशिश की है,
लहरों की मानिंद चाहतों ने परेशां कर रक्खा है ::::::::::::::::
की डूबे हुए साहिलों पर ठहरने की कोशिश की है::::::::::::::
अब भी जिन्दा हैं मेरी पलकों की गलियों में यादों के कुछ हंसीं मंजर,
अब भी अंगड़ाई लेते हुए ख़्वाब गाहे-बगाहे चले आते हैं ::::::::::::::::::::::
अब भी सुकून तलाशते हुए खो जाती हूँ उस रह्गुजर में ::::::::::::::::::
कि जिन्दा होने की तस्कीन कर लेने की कोशिश की है:::::::::::::::::::::::
बार-बार गर्दन झुकाई है, बार-बार तलाशा है वो चेहरा दिल के आईने में::::::::::::::
आसमां के सितारों को अब भी कई रातों जाग-जाग कर गिना है मेंने ::::::::
फिर से अश्कों को अपने दामन में समेटा है मैंने :::::::::::::::::::::
आज फिर मुस्कानों से जख्मों को सीने की कोशिश की है ::::::::::::::::::::::::::::::::
आज फिर पीर ने सागर सी गहरे में उतर जाने की कोशिश की है,
लहरों की मानिंद चाहतों ने परेशां कर रक्खा है ::::::::::::::::
की डूबे हुए साहिलों पर ठहरने की कोशिश की है::::::::::::::
अब भी जिन्दा हैं मेरी पलकों की गलियों में यादों के कुछ हंसीं मंजर,
अब भी अंगड़ाई लेते हुए ख़्वाब गाहे-बगाहे चले आते हैं ::::::::::::::::::::::
अब भी सुकून तलाशते हुए खो जाती हूँ उस रह्गुजर में ::::::::::::::::::
कि जिन्दा होने की तस्कीन कर लेने की कोशिश की है:::::::::::::::::::::::
बार-बार गर्दन झुकाई है, बार-बार तलाशा है वो चेहरा दिल के आईने में::::::::::::::
आसमां के सितारों को अब भी कई रातों जाग-जाग कर गिना है मेंने ::::::::
फिर से अश्कों को अपने दामन में समेटा है मैंने :::::::::::::::::::::
आज फिर मुस्कानों से जख्मों को सीने की कोशिश की है ::::::::::::::::::::::::::::::::
6 टिप्पणियां:
लहरों की मानिंद चाहतों ने परेशां कर रक्खा है ::::::::::::::::
की डूबे हुए साहिलों पर ठहरने की कोशिश की है::::::::::::::
बहुत गहन ...सीधे हृदय की गहराइयों मेन उतरता हुआ ...
बधाई एवं शुभकामनायें ।
good
लहरों की मानिंद चाहतों ने परेशां कर रक्खा है ::::::::::::::::
की डूबे हुए साहिलों पर ठहरने की कोशिश की है:
bahut sundar v sarthak prastuti .aabhar
हम हिंदी चिट्ठाकार हैं
लहरों की मानिंद चाहतों ने परेशां कर रक्खा है ::::::::::::::::
की डूबे हुए साहिलों पर ठहरने की कोशिश की है::::::::::::::
....बहुत खूब! बहुत सुन्दर भावपूर्ण रचना...
वाह . बहुत उम्दा,सुन्दर व् सार्थक प्रस्तुति . हार्दिक आभार आपका ब्लॉग देखा मैने और कुछ अपने विचारो से हमें भी अवगत करवाते रहिये.
मंगलमय हो आपको नब बर्ष का त्यौहार
जीवन में आती रहे पल पल नयी बहार
ईश्वर से हम कर रहे हर पल यही पुकार
इश्वर की कृपा रहे भरा रहे घर द्वार.
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